
दुनिया के किसी न किसी व्यक्ति के साथ एक गंभीर और अनोखी बीमारी जुड़ी होती है जिससे उसे उस बीमारी की ही तरह अनोखे तरीके से इलाज भी करना पड़ता है जी हां, ऐसी ही एक गंभीर बीमारी की शिकार महिला है तो जानिए इस महिला के बारें में क्या है उसे अनोखी बीमारी और कैसे करती है उसका इलाज।
14 घंटे बिताती है तालाब में
कटवा जिले के गोवई गांव में रहने वाली एक महिला की उम्र करीब 60 साल है. महिला की मानें तो वह बीस साल से रोज सुबह उठते ही तालाब की ओर निकल पड़ती है. हर रोज बारह से 14 घंटे तालाब में ही रहती है और फिर शाम ढलते ही घर लौट आती है. महिला लगभग अपना पूरा दिन गले तक पानी में रहकर ही बिताती है. वह वर्ष 1998 से ऐसा कर रही हैं.
तालाब को बनाया आशियाना
घर वालों के मुताबिक महिला एक बीमारी की वजह से ऐसा करती है. उसकी त्वचा में काफी जलन होती है इसलिए वह अपना दिन का ज्यादातर हिस्सा तालाब में ही गुजारती है. हालात ये है कि वह खाना भी तालाब में ही खाती है. महिला के बेटे का कहना है कि 20 साल पहले मम्मी की तबीयत खराब होने के कारण धूप में आते ही उनकी त्वचा जलने लगती थी और पानी में राहत मिल जाती थी. इस बीमारी की वजह से ही उन्होंने अपनी जिंदगी जीने का ये रास्ता खोज लिया और तालाब ही उनका अस्थाई आशियाना बन गया.
बन चुकी आदत
जो चाहे गर्मी हो या कड़ाके की सर्दी पीछले 20 सालों से पानी में ही रहती है. महिला के बेटे का कहना है कि उनकरा मां की अब तो आदत बन चुकी है और अब वो बिना पानी के एक पल भी नहीं रह सकती है खासतौर से दिन के समय।

वर्ष 1998 से ऐसा कर रही हैं.
तालाब को बनाया आशियाना
घर वालों के मुताबिक महिला एक बीमारी की वजह से ऐसा करती है. उसकी त्वचा में काफी जलन होती है इसलिए वह अपना दिन का ज्यादातर हिस्सा तालाब में ही गुजारती है. हालात ये है कि वह खाना भी तालाब में ही खाती है. महिला के बेटे का कहना है कि 20 साल पहले मम्मी की तबीयत खराब होने के कारण धूप में आते ही उनकी त्वचा जलने लगती थी और पानी में राहत मिल जाती थी. इस बीमारी की वजह से ही उन्होंने अपनी जिंदगी जीने का ये रास्ता खोज लिया और तालाब ही उनका अस्थाई आशियाना बन गया.
बन चुकी आदत
जो चाहे गर्मी हो या कड़ाके की सर्दी पीछले 20 सालों से पानी में ही रहती है. महिला के बेटे का कहना है कि उनकरा मां की अब तो आदत बन चुकी है और अब वो बिना पानी के एक पल भी नहीं रह सकती है खासतौर से दिन के समय।