गुरु गोविंद सिंह सिखों के दसवें गुरु थे. उनकी शिक्षाएं सिख धर्म के साथ ही दूसरे धर्मों के लोगों के लिए भी प्रेरणा का स्त्रोत हैं.

देशभर में आज उनकी जयंती को धूमधाम से मनाया जा रहा है. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई लोगों ने गुरु गोविंद सिंह सिंह की जयंती पर शुभकामनाएं दी हैं. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने ट्वीट कर लिखा है कि गुरु गोविंद सिंह का जीवन लोगों की सेवा, सत्य, न्याय एवं करुणा के जीवन-मूल्यों के प्रति समर्पित रहा. उनकी शिक्षाएं हमें आज भी प्रेरित करती हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके लिखा है, ‘हम आदरणीय श्री गुरु गोविंद सिंह जी को उनके प्रकाश पर्व पर नमन करते हैं.’
सिख धर्म में पांच ककार
गुरु गोविंद सिंह ने जीवन जीने के पांच सिद्धांत दिए जिन्हें सिख धर्म में पंच ककार कहा जाता है. सिखों में इन पांच चीजों का अनिवार्य माना जाता है. ये पांच चीजें- केश, कड़ा, कृपाण, कंघा और कच्छा है. गुरु गोविंद सिंह का पूरा जीवन त्यागपूर्व रहा. उन्होंने स्वयं कई ग्रंथों की रचना की थी। कहा जाता है कि उनके दरबार में हमेशा कवियों और लेखकों की उपस्थिति रहती थी. उन्हें ‘संत सिपाही’ कहा जाता था.

गुरू गोविंद सिंह थे कई भाषाओं में पारंगत
गुरु गोविंद सिंह को संस्कृत, फारसी, पंजाबी और अरबी भाषाओं का ज्ञान था. वो धनुष-बाण, तलवार और भाला चलाने की कला में माहिर थे. गुरु गोविंद सिंह जी सिखों के नौवें गुरु, गुरु तेग बहादुर के पुत्र थे. बिहार स्थित पटना साहिब गुरुद्वारा में आज भी गुरु गोविंद सिंह जी की कृपाण मौजूद है. ये वो कृपाण है जिसे वो हर वक्त अपने साथ रखते थे. इसके अलावा यहां गुरु गोंविद जी की खड़ाऊ और कंघा भी रखा हुआ है।