जम्मू और कश्मीर के सांबा में जवानों की नज़रों से छिपाकर भेजे गए पार्सल को कब्जे में लेकर आतंकियों की साजिश को नाकाम कर दिया गया.

आपको बता दें कि इन आतंकियों का मकसद बीएसएफ कमांडेंट की हत्या करना था जो नाकाम कर दी गई. ये आतंकी आए दिन अपनी कोई न कोई बेवकूफी भरी चाल चलते रहते हैं. जिसमें हमेशा पछाड़ खाते हैं. वैसा ही कुछ हाल ही में हुआ, आइए जानते हैं।
पार्सल किए विस्फोटक को लिया कब्जे में
बीएसएफ कमांडेंट की हत्या की आतंकी साजिश को नाकाम कर दिया गया. सांबा में बीएसएफ की 173 बटालियन के मुख्यालय में एक जवान ने पार्सल आईईडी का पता लगाया. इसके बाद उसने इसकी जानकारी कमांडेंट को दी. पार्सल में 100 ग्राम विस्फोटक थे. इस तरह से कमांडेंट की हत्या की साजिश को नाकाम कर दिया गया. पार्सल को बम निरोधक दस्ते को कब्जे में ले लिया. इसके साथ ही सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुट गई हैं. पार्सल देने वाले शख्स की भी तलाश की जा रही है।
नजरबंद नेताओं को किया जाएगा रिहा
वहीं, मालूम हो कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से नजरबंद नेताओं को जल्द ही रिहा किया जा सकता है. बीजेपी के महासचिव राम माधव ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में नजरबंद किए गए ज्यादातर नेताओं को इस महीने के आखिरी तक रिहा कर दिया जाएगा. साथ ही राम माधव ने यह भी कहा है कि जम्मू-कश्मीर में नजरबंद किए गए नेताओं की रिहाई सुरक्षा को ध्यान में रखकर ही की जाएगी.

इन नेताओं को किया गया था नजरबंद
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत 29 नेता अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद से नजरबंद किया गया है. मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को हटा दिया था.