साल 2019 के शुरुआत से लेकर अब तक रक्षा क्षेत्र के खेमे से दिल ख़ुश कर देनेवाली कई ख़बरें आईं हैं.

ऐसे ही एक खुशखबरी साल के अंतिम महीने में भी नौसेना से आई है कि 27 वर्षीया सब-लेफ़्टिनेंट शिवांगी, नौसेना की पहली महिला पायलट होंगी. दो दिसंबर को शिवांगी सिंह ने नौसेना में अपना पंख हासिल कर लिया और यहीं से अपना नाम इतिहास में बतौर पहली नौसेना महिला पायलट दर्ज़ करवा लिया है. नौसेना के फ़िक्स्ड विंग ड्रोनियर सर्विलांस एयरक्राफ़्ट की कमान इनके हाथों में होगी. शिवांगी अब नेवी ऑपरेशन्स में ड्यूटी कर सकेंगी. एडवांस सर्विलांस राडार, इलेक्ट्रॉनिक सेंसर और नेटवर्किंग से लैस इस ड्रोनियर एयरक्राफ़्ट का इस्तेमाल समुद्र में कम दूरी के रेस्कयू ऑपरेशन्स और पेट्रोलिंग के लिए किया जाता है.
सब-लेफ़्टिनेंट शिवांगी
जब लड़कियां कोई बैरियर या टैबू तोड़कर आगे बढ़ती हैं, तो सबसे ज़्यादा ख़ुशी उन्हें ही होती है. सब-लेफ़्टिनेंट शिवांगी को भी ऐसी ही ख़ुशी हुई और उन्होंने अपने उन्हीं लम्हों को बातचीत के ज़रिए हमारे साथ साझा किया. उन्होंने बताया, आख़िर उन्हें इस मुक़ाम तक पहुंचने में किस तरह की जद्दोजहद करनी पड़ी और किस तरह से उन्होंने अपने पंख हासिल किए.
2018 में हुई थी सेलेक्ड
शिवांगी बताती हैं कि वह इंजीनियरिंग के चौथे साल में थीं, तब इंडियन नेवी, यूनिवर्सिटी ऐंट्री स्कीम के तहत प्रेज़ेंटेशन देने के लिए उनकी यूनिवर्सिटी में आई थी. उसमें कई ऑफ़िसर्स थे, जिनका यूनिफ़ॉर्म, अनुशासन, बात करने का ढंग और कई सारी बातें उन्हें आकर्षित कर गईं. उन्होंने मन बना लिया कि इंडियन नेवी ही जॉइन करनी है. उसके बाद पता चला कि महिला पायलट भर्ती शुरू हो रही है.

बचपन में ही शिवांगी का कुछ अलग करने का मन था. शिवांगी कहती हैं “जून 2018 में जब मैं सेलेक्ट होकर नेवल अकैडमी पहुंची तो वहां पर छ: महीने का नेवी ओरिएंटेशन कोर्स (एनओसी) पूरा किया. उसके बाद पासिंग आउट परेड हुई तब ऐसा महसूस हुआ कि हमने कुछ कमाया है, उस एहसास के बारे में बता पाना मुश्क़िल है मेरे लिए.”